अगर आप किसी सामान को खरीदने में #digital currency का उपयोग करते हैं,तब इस तरह की currency को cryptocurrency कहते हैं,इस तरह की currency की नकल नहीं की जा सकती है,क्योंकि इन्हें cryptography का उपयोग कर बनाया गया है,आज की पोस्ट में हम #cryptocurrency के बारे में और जानेंगे यह कैसे कार्य करती है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है ? What is cryptocurrency in Hindi
Contents
(#cryptocurrency kay hai )इसको आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं,अभी आप जो मुद्रा का उपयोग करते हैं,उसे किसी केंद्रीय संस्था ,केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है,और वह उसके नियंत्रण में रहती है,जैसे भारत का रिजर्व बैंक,लेकिन इसके विपरीत cryptocurrency पर किसी का एकाधिकार नहीं होता है,यह एक तरह की #virtual currency है,जिसमें लेनदेन केवल online के माध्यम से ही होता है,और इसका कोई नकल नहीं कर सकता है,जिस technology पर यह कार्य करता है,उसे blockchain technology कहां जाता है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी का इतिहास | History of cryptocurrency
Bitcoin के बारे में आज सभी को पता ही है,क्या आप जानते हैं,कि यह cryptocurrency है, जिसे 2009 में एक अननोन डेवलपर जिनका नाम Satoshi Nakamoto था,ने blockchain technology का उपयोग कर इसका निर्माण किया इसके निर्माण में SHA-256 hash function जो cryptocurrency है,का उपयोग किया गया इसके पहले एक और उदाहरण आते हैं,जब 1983 में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर David Chaum ने क्रिप्टोग्राफी का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक ecash का अविष्कार किया था |आज जितनी भी क्रिप्टो करेंसी का उपयोग हो रहा है,उनमें #decentralized network बेस्ट #blockchain technology का उपयोग किया जा रहा है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी वास्तव में किसके लिए उपयोग की जाती है | What is cryptocurrency actually used for
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की आभासी मुद्रा है, केवल आप इसका उपयोग सामान खरीदने जैसे कि अमेज़न या अन्य तरह की ऑनलाइन वेबसाइटों के माध्यम से इसका उपयोग कर सकते हैं, आप चाहे तो किसी ऑनलाइन कोर्स को भी इसका उपयोग कर परचेज कर सकते हैं, इस तरह की मुद्रा को ना तो आप बैंक से निकाल सकते हैं, ना ही एटीएम का उपयोग इसके लिए कर सकते हैं |
क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है ? How does cryptocurrency work
cryptocurrency को समझने के पहले यह समझ ले कि यह एक तरह की digital currency है,इसका ट्रांजैक्शन ऑनलाइन के माध्यम से ही हो सकता है |अगर हम क्रिप्टो करेंसी के मेन कंसेप्ट के बारे में समझे तो इसके लिए आपके पास “cryptocurrency wallets” जो कि एक तरह का software है,होना चाहिए जब आप किसी ट्रांजैक्शन को इनीशिएट करते हैं,ट्रांजैक्शन का एक private key जनरेट हो जाता है, जो उस ट्रांजैक्शन को encrypted रखता है,और उसकी डिटेल पब्लिक वही खाते में दर्ज हो जाती है,जिसे क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में “mining” कहा जाता है,अगर आपको यह खाता खोलना है तो आपके पास वह private key होनी आवश्यक है,जिस तरह से बैंक के अकाउंट खोलते समय आपको अकाउंट नंबर दिया जाता है,उसी तरह यह private key की भी कार्य करती है,आप जितने भी ट्रांजैक्शन अपने cryptocurrency wallets से करते हैं, वह आपके लेजर में दर्ज होता रहता है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी Architecture | Architecture of Cryptocurrency
हमारी मुद्रा जिसे आप रुपए के नाम से जानते हैं,सेंट्रलाइज बैंकिंग सिस्टम पर कार्य करती है,जिसका नियंत्रण सेंट्रल गवर्नमेंट के अधीन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करती है,RBI के द्वारा नोटों की छपाई उस समय की जाती है, जब उसकी जरूरत है,और उसका नियंत्रण पूरी तरह से रिजर्व बैंक के पास रहता है,जबकि क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज सिस्टम पर कार्य करती है, मतलब यह हुआ कि उसके सरवर कहीं भी हो सकते हैं, जो हर करेंसी के निर्माण में लेजर क्रिएट करती है, जिसका नियंत्रण mutually distrustful parties के हाथ में रहता है,जो मैनुअली ट्रांजैक्शन को वैलिडेट करते हैं | Cryptocurrency Blockchain आर्किटेक्ट पर कार्य करती है |
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी क्या है ? What is Blockchain Technology
आज मार्केट में जितनी भी क्रिप्टो करेंसी हैं,वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करती हैं,जो डिसेंट्रलाइज आर्किटेक्ट पर कार्य करता है,जिसमें जैसे ही कोई ट्रांजैक्शन इनीशिएट होता है,जिसे cryptocurrency coins कहते हैं, एफ block generate हो जाता है,जो अगले ब्लॉक से hash pointer से जुड़े रहते हैं,यही क्रम आगे भी चलता रहता है,जैसे ही आप कोई ट्रांजैक्शन करते हैं,उसकी डिटेल पूरे ब्लॉकों में अपडेट हो जाती है |
Cryptocurrency में Nodes क्या है ? What is nodes in cryptocurrency ?
Nodes cryptocurrency का ही भाग है,जो virtual coins है,जिसका मुख्य कार्य सूचनाओं को बनाना और उसे दूसरी जगह भेजना है,इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं, अगर आप किसी को ई-मेल भेजते हैं तब सबसे पहले आपको ईमेल आईडी बनानी पड़ती है,जिसे आप gmail या अन्य तरह के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर बनाते हैं,ईमेल क्रिएट होने के बाद आप अपनी आईडी पर ईमेल रिसीव कर सकते हैं,चाहे तो किसी और को ईमेल भेज भी सकते हैं,और आपके पास किसी और का ईमेल आ भी सकता है|यही कार्य nodes क्रिप्टो करेंसी में करते हैं |
क्रिप्टोग्राफी में timestamping क्या है ? What is timestamping in cryptography?
Timestamps जिसका मुख्य कार्य इलेक्ट्रॉनिक डाटा के एक्जिस्टेंस के बारे में पता लगाना है,जो यह देखता है,कि दिए गए नियत समय में डाटा मौजूद था कि नहीं इस कार्य को करने के लिए Timestamps SHA-256 hashing algorithms का उपयोग करता है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी में mining क्या है ? What is mining in cryptocurrency?
आप में से सभी ने चेक से किसी दूसरे को पेमेंट किया ही होगा इस प्रोसेस में जैसे ही आप चेक बैंक में जमा करते हैं,बैंक अकाउंटेंट उस चेक की वैधता की जांच करता है, जिसमें आपका अकाउंट नंबर सिग्नेचर साथ ही साथ आपके अकाउंट में मौजूद बैलेंस है,कि नहीं सभी जांच करता है,तब आप किसी दूसरे को पेमेंट कर पाते हैं, उसी तरह क्रिप्टो करेंसी माइनिंग कार्य करती है,जिसमें जितने भी ट्रांजैक्शन होते हैं,उनकी वैधता की जांच होती है, वह ट्रांजैक्शन सही है, कि नहीं इसके बाद ही वह ट्रांजैक्शन blockchain technology के digital ledger में अंकित होता है, इस पूरे प्रोसेस को ही cryptocurrency mining कहां जाता है |
क्रिप्टो करेंसी की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है ? Why is the price of crypto currency so high ?
क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन जिसकी कीमत 1 bitcoin price = 36,63,499.51 Indian Rupee है, जिसका मुख्य कारण इसका सीमित मात्रा में होना है, इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं, की वर्ल्ड में सोने की भंडार सीमित है और यह दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं, जिन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता है,उसी तरह क्रिप्टो करेंसी सीमित मात्रा में है जिन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता है, जिसके कारण क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत इतनी ज्यादा है |
शीर्ष 3 Cryptocurrency | #Top 3 Cryptocurrency
#Top 3 cryptocurrency
Bitcoin (BTC)
Bitcoin (BTC) एक तरह की आभासी मुद्रा है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करती है, इसकी खोज सबसे पहले ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के आविष्कारक Satoshi Nakamoto द्वारा 2009 में की गई थी| जो सबसे पहली decentralized digital currency थी |
Stellar (XLM)
Stellar (XLM) ओपन सोर्स decentralized digital currency है, जो अपने लो कॉस्ट ट्रांसफर के लिए जानी जाती है,जिसका अविष्कार सन 2014 में Jed McCaleb द्वारा किया गया |
Ethereum (ETH)
Ethereum (ETH) भी एक तरह की डिजिटल करेंसी है,जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है,और यह smart contract functionality पर कार्य करती है, बिटकॉइन के बाद सबसे ज्यादा मार्केट केपीटलाइजेशन इसी करेंसी का है |
क्रिप्टोक्यूरेंसी के लाभ | Advantages of cryptocurrency
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ इसका कोई duplicate नहीं कर सकता है,जैसे कि आज किसी भी नोट्स छपते ही जाली नोटों की संख्या लगातार बढ़ने लगती है, क्रिप्टो करेंसी का duplicate नहीं बनाया जा सकता है |
- क्रिप्टो करेंसी जारी करने में बैंकों की कोई दखल नहीं होती है, जिसके कारण bank transaction fee इसमें नहीं लगती है |
- अंतरराष्ट्रीय पेमेंट करने पर बैंकिंग सिस्टम से काफी कम transaction fee लगता है |
- क्रिप्टो करेंसी की सिक्योरिटी काफी हाई लेवल की होती है,जिसके कारण साइबर अटैक या अन्य तरह के खतरों से यहां सुरक्षित रहती है |
- क्रिप्टो करेंसी के रिकॉर्ड को डिलीट करना असंभव है,क्योंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में रिकॉर्ड्स एक दूसरे से आपस में जुड़े रहते हैं, जिससे केवल एक रिकॉर्ड को डिलीट करना आसान नहीं है |
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages of cryptocurrency
क्रिप्टो करेंसी के disadvantages की बात करें तो यह टेक्नोलॉजी अभी नई है, जिसके कारण इसके बारे में अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है, दूसरा अभी इस करेंसी का उपयोग ब्लैक मार्केटिंग में हो रहा है, जिसके कारण विश्वास में कमी है,अभी इसके ज्यादा डिमैरिट्स नहीं आए हैं, लेकिन साइबर अटैक के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है |
Question | Answer
Question – What is centralized and decentralized in cryptocurrency ?
Answer – हमारा बैंकिंग सिस्टम सेंट्रलाइज सरवर पर काम करता है, जिसमें डेटाबेस एक जगह स्थित रहता है,और उसका नियंत्रण भारत सरकार या रिजर्व बैंक के हाथ में रहती है,जबकि डिसेंट्रलाइज जिस पर क्रिप्टो करेंसी कार्य करती है,उसका नियंत्रण किसी एक आदमी के हाथ में नहीं रहता है पूरी ऑर्गेनाइजेशन डील करती है |
Question – What is the difference between currency and cryptocurrency?
Answer – इसको आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं डायमंड जिसकी उपलब्धता पूरे विश्व में सीमित है, इसको ना तो कम ना ही ज्यादा किया जा सकता है, लेकिन अपनी करेंसी रुपए को ही ले लीजिए गवर्नमेंट चाहे तो कितनी भी करेंसी नोट छाप सकती हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं है उसी तरह क्रिप्टो करेंसी भी डायमंड के तरह ही सीमित है, इसको ज्यादा इसके लिए नहीं छापा जा सकता है, जिसके कारण इसकी कीमत हमेशा बढ़ती रहती है|
निष्कर्ष | Conclusion
जिस तरह से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से लोग डरते थे और ज्यादातर लेन देन कैश में होता था | लेकिन जब से online mobile payment apps चाहे paytm हो या googel pay आजकल ज्यादातर उसी का उपयोग हो रहा है, उसी तरह क्रिप्टो करेंसी भी अभी नई है,लेकिन भविष्य में इस की अपार संभावना है, को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भविष्य इसी का है |