भारत बायोटेक संस्थापक डॉ कृष्णा एल्ला का जीवन परिचय [ Dr.Krishna Ella Biography in Hindi] (Bharat Biotech founder , Hyderabad, Covaxin)
आज के समय में सभी लोग जो 18 वर्ष पूरे कर चुके हैं, अपनी बारी का इंतजार करके कोविड-19 को हराने के लिए वैक्सीन लगवा रहे हैं, जिनमें से एक वैक्सीन का नाम कोवैक्सिन जो पूरी तरह से भारत में रिचार्ज करके डिवेलप की गई है, क्या आपको पता है ? इस वैक्सीन को डिवेलप करने में किस आदमी का दिमाग है ? डॉ. कृष्ण एला जो भारत बायोटेक के फाउंडर चेयरमैन हैं, जिनकी कंपनी द्वारा कोवैक्सिन का निर्माण किया गया है, आज के में जानते हैं, डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला के जीवन परिचय के बारे में उन का प्रारंभिक जीवन कैसा था और वे क्यों विदेश से आकर भारत में अपनी कंपनी का स्थापना की जिसके द्वारा को वैक्सीन का निर्माण किया गया |
प्रारंभिक जीवन | Early life
Contents
किसान परिवार में जन्मे डॉ. कृष्ण एला का जन्म तमिलनाडु के थिरुथानी हुआ | उनका परिवार शुरू से ही खेती बाड़ी से जुड़ा रहा इसके पहले उनके परिवार में किसी ने ना तो बिजनेस और ना ही नौकरी करने का अनुभव था | किसान परिवार से जुड़े होने के कारण उन्होंने अपना ग्रेजुएशन (B. Agriculture) किया में किया | पिता के कहने पर नौकरी करने का निर्णय लिया और जल्द ही उन्हें नौकरी मिल गई उनके जीवन में सबसे बड़ा परिवर्तन उस समय आया जब फेलोशिप मिलने के कारण आगे की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका चले गए | वहां पर हवाई यूनिवर्सिटी से उन्होंने पोस्टग्रेजुएट किया और फिर पीएचडी की पढ़ाई पूरी की उन्होंने मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में दक्षता हासिल की | और अमेरिका में बस गए अपनी मां और पत्नी के कहने पर उन्होंने भारत आने का निर्णय लिया जो कि एकदम सही साबित हुआ |
डॉ.कृष्णा एल्ला का परिवार | Family of Dr. Krishna Ella
उनका विवाह सुचित्रा एल्ला से हुआ उनका एक पुत्र है, जिसका नाम रेचस वीरेन्द्र देव है, वह अपने परिवार के साथ बैंगलुरू मे ही रहते है ।
भारत बायोटेक की स्थापना | Establishment of Bharat Biotech
मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में पीएचडी और अमेरिका में जॉब करने का अनुभव के साथ भारत आए| उस समय भारत में हेपेटाइटिस की वैक्सीन की कीमत ₹5000 के करीब थी उन्होंने ठान लिया वैक्सीन का निर्माण खुद ही करेंगे जिसके लिए उन्होंने हैदराबाद में भारतबायोटेक नाम की कंपनी की स्थापना की जिसने मात्र ₹10 में हेपेटाइटिस की वैक्सीन का निर्माण किया |
कोवैक्सिन का विकास | Development of Covaxin
वैक्सीन के निर्माण में ज्यादातर विदेशी कंपनियों का ही दबदबा रहा है, जब कोविड-19 चाइना में आया और इसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए चाइना ने पहले से ही वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में कदम रख दिया था | विदेशी कंपनियां इसके रिसर्च और डेवलपमेंट में लगी हुई थी | इसी को देखते हुए डॉ. कृष्ण एला वैक्सीन बनाने का निर्णय लिया इसके लिए उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च जिसे आईसीएमआर के नाम से भी जाना जाता है, के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया और इसके निर्माण में रात दिन लग गए जिसका परिणाम यह हुआ कि आज भारत के पास अपनी मेड इन इंडिया वैक्सीन मौजूद है , और लाखों लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है |
जैव सुरक्षा स्तर 3 (बीएसएल-3) क्या है | What Is Biosafety Level 3 (BSL-3)
आज कल का समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों में BSL-3 लैब के बारे में बहुत प्रसारित किया जा रहा है , क्या आपको पता है, बीएसएल-3 क्या होता है ? BSL-3 लैब का उपयोग हवा में प्रसारित होने वाले वायरस के अध्ययन में किया जाता है, जिसका प्रसार हवा के माध्यम से होता है, काफी घातक होता है, इसके लिए भी BSL-3 लैब आवश्यकता होती है | शोधकर्ता जैव सुरक्षा कैबिनेट में इसके बारे में अध्ययन करते हैं BSL-3 लैब की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इसे कीटाणु रहित करने के लिए डिजाइन किया गया है, भारतबायोटेक के पास सबसे बड़ा BSL-3 लैब मौजूद है, जिसका उपयोग वे पोलियो वैक्सीन के निर्माण में कर रहे थे और बाद में इसे कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है |
बायोवेट और इनोवा फूड पार्क | Biovet and Innova Food Park
डॉ कृष्णा एल्ला वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में ही नहीं काम कर रहे हैं , उन्होंने दो कंपनियां और स्थापित की जिनका नाम बायोवेट और इनोवा फूड पार्क है, बायोवेट किसानों के साथ मिलकर जानवरों की वैक्सीन निर्माण करने में लगी हुई है, जिससे जानवरों में होने वाली बीमारियों को रोका जा सके इनोवा फूड पार्क के द्वारा उनका लक्ष्य किसानों के साथ मिलकर नई प्रौद्योगिकी का निर्माण करना जिससे किसानों के खेती करने का स्तर को ऊंचा उठाया जा सके और वे अपने उत्पाद को आसानी से मार्केट में सही दामों पर बेच सकें इसके द्वारा उनकी कोशिश यही है, कि वह उच्च तकनीकी का उपयोग करके अपनी खेती के तरीकों को बदलें और लागत को कम करें |
पुरस्कार | Award
अवार्ड की बात करें तो डॉक्टर साहब को भारत और विदेशों से उनके द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए विभिन्न अवार्ड से नवाजा जा चुका है , जिम्मी से मुक्त अवार्ड है :-
- जे आर डी टाटा बेस्ट आंत्रप्रेन्योर आफ द ईयर अवार्ड
- यूनिवर्सिटी आफ साउथ कैलिफोर्निया एशिया पैसेफिक लीडरशिप अवार्ड
- मेरिको इनोवेशन अवार्ड
- ईटी नाउ की तरफ से स्पेशल हेल्थकेयर अवार्ड
प्रश्न उत्तर अनुभाग | Question Answer Section
प्रश्न डॉ. कृष्ण एला द्वारा भारत बायोटेक की स्थापना किस सन में हुई ?
उत्तर 1996
प्रश्न भारत बायोटेक की स्थापना में प्रारंभिक पूंजी कितनी निवेश की गई थी ?
उत्तर लगभग 12 करोड की प्रारंभिक पूंजी से भारत बायोटेक की स्थापना हुई थी |
प्रश्न भारत बायोटेक द्वारा सबसे पहले किस बीमारी के लिए वैक्सीन का निर्माण किया गया ?
उत्तर हेपेटाइटिस
प्रश्न कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण में किस तरह के लैब की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर जैव सुरक्षा स्तर 3 (बीएसएल-3)
डॉ. कृष्ण एला के कंपनी भारत बायोटेक द्वारा कौन-कौन सी बीमारियों के लिए अभी तक वैक्सीन का निर्माण किया जा चुका है ?
जब डॉ कृष्णा एल्ला नौकरी छोड़ के अमेरिका से भारत आए तब उन्होंने देखा भारत में वैक्सीन निर्माण में ज्यादातर विदेशी कंपनियां ही थी जिनकी वैक्सीन की कीमत ज्यादा थी, तब उन्होंने निर्णय लिया कि भारत में ही वे वैक्सीन का निर्माण करेंगे उन्होंने सबसे पहले हेपिटाइटिस बी वैक्सीन का निर्माण किया जिसकी कीमत मात्र ₹10 थी | इसके बाद उन्होंने रोटावायरस, टाइपबारटीसीवी और आजकल कोविड-19 की वैक्सीन कोवैक्सीन का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है |
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